कहीं ऑफिस का काम ही तो नहीं बना रहा आपको डिप्रेशन का शिकार? इन 6 संकेतों से जानें

आपका मानसिक स्वास्थ्य आपकी प्रोडक्टिविटी में एक बहुत अहम भूमिका निभाता है। हम अपना ज्यादातर वक्त ऑफिस में काम करते हुए बिताते हैं और हमारा काम व मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ऑफिस में काम करते वक्त हर किसी के साथ ऐसा होता है कि काम के लिहाज से कोई न कोई दिन बुरा निकल जाएं लेकिन जब बुरा वक्त एक दिन से लेकर कई दिनों तक खींच जाता है तो किसी के लिए भी परेशानी बढ़ना लाजमी हो जाता है। अपने काम के प्रति खराब सोचना या एक ही काम में अटके रहने से आपको खुशी नहीं मिलती, जिसका सीधा असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसा होने पर आप दुखी महसूस कर सकते हैं और मुस्कुराते-मुस्कराते काम में लगे रहते हैं।


अगर आपको अपने काम का पूरा दिन बिताना बहुत ही मुश्किल भरा लग रहा है और शिफ्ट के अंत तक आते-आते आप पूरी तरह से टूट चुके होते हैं तो आपके लिए एक बेहद ही गंभीर समस्या है। अगर आपका वर्कलोड, काम का तनाव और काम का माहौल आपका सिरदर्द कर देता है तो सच मानिए आप अपने काम यानी की नौकरी से डिप्रेसड हो चुके हैं। क्योंकि हम अपना अधिकतर समय काम करते हुए यानी की ऑफिस में बिताते हैं तो ये हमारे खराब मानसिक स्वास्थ्य और कभी-कभी डिप्रेशन से भी जुड़ा हुआ हो सकता है।  इस लेख में हम आपको ऐसे 6 संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें पहचानकर आप ये पता लगा सकते हैं कि आप अपने काम के कारण डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं।





6 संकेत बताते हैं कि आपका काम आपको बना चुका है डिप्रेशन का शिकार


हर सुबह थका-थका महसूस करना


किसी सुबह उठकर खासकर वीकएंड के दिनों में सुबह थका-थका महसूस करना किसी के लिए भी आम हो सकता है लेकिन हर सुबह ऐसा महसूस करना आपके लिए एक बड़ी समस्या से कम नहीं है। अगर आप काम पर जाने से पहले सुबह थका हुआ महसूस करते हैं तो ये डिप्रेशन का एक बड़ा संकेत है।


हमेशा ई-मेल और मैसेज का जवाब देना


अगर आपको बार-बार ये महसूस होता है कि आपको हर वक्त अपने ई-मेल या फिर टेकस्ट मैसेज का जवाब देने की जरूरत है और आप नहीं चाहते फिर भी ऐसा करना पड़ रहा है तो आप काम से तंग आ चुके हैं। बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों से अपेक्षा करती हैं कि वह हमेशा कॉल, मैसेज और मेल के लिए उपलब्ध रहे, जिसके कारण किसी का भी मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।


ब्रेक न मिलना


आपके पूरे दिन का काम पहले से ही हमेशा तय होता है लेकिन फिर भी आपको बहुत सारा काम करना है और दिन में किसी भी वक्त आपको ब्रेक मिल पाना मुश्किल हो जाता है। ब्रेक न मिल पाने के कारण आपकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है। इसलिए हर किसी को छोटे-छोटे ब्रेक लेने चाहिए। ऐसा करने से आपका मस्तिष्क भी शांत रहता है और प्रोडक्टिविटी भी बनी रहती है।


 

साथियों से बात करने का मन न करना 


अगर आप अपने ऑफिस के साथियों के साथ वक्त बिताते-बिताते तंग आ चुके हैं या फिर आप उनसे बात करते हुए थका महसूस करते हैं तो ये इस बात का संकेत है कि आप वर्कलाइफ को बहुत ज्यादा महत्व दे रहे हें। यही कारण है कि आपके दिमाग पर असर पड़ रहा है और आप डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।


अपने काम को लेकर बात करने से आप खींज जाते हैं या फिर चिढ़चिढ़े हो जाते हैं। आप काम को लेकर हो रही बातचीत से बचने का प्रयास करते हैं या फिर उससे दूर करने की कोशिश करते हैं क्योंकि ये आपको आपके बचे हुए काम और तनाव की याद दिलाता है।


हमेशा नौकरी छोड़ने का मन करे


आप लगातार नौकरी छोड़ने के बारे में सोच रहे हों या फिर महसूस कर रहे हों कि ये नौकरी आपके लिए अच्छी नहीं है। इसके अलावा नौकरी से निकाले जाने का डर भी डिप्रेशन का शिकार बना सकता है। आप चाहे इसे मानें या न मानें आपकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है। ये भी एक संकेत है कि आपका काम आपको डिप्रेशन का शिकार बना रहा है।





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